Tuesday, February 24, 2009

कौफी विद ब्लौगर्स

Jab We Met
पूर्वी भारत के पहले ब्लौगर्स मीट में शामिल होने के उत्साह में 350 किमी का रेल सफर और 150 किमी का बस सफर कैसे तय हो गया, पता ही नहीं चला। अपनी तरफ़ से तो मैं देर हो ही चुका था, भला हो परंपरागत भारतीय समय पद्धति का जिसने 'दीप प्रज्ज्वलन' शायद मेरे ही इंतजार में रोक रखा था।
कार्यक्रम की पंच लाइन थी - "A Cup of Coffee With Healthy Minds" और वास्तव में यह कार्यक्रम व्यर्थ की औपचारिकताओं से परे कुछ क्रियेटिव और Healthy Minds के साथ उत्साह, प्रेम और रोमांच की अनौपचारिक त्रिवेणी ही रहा। ऐसा नहीं था की कार्यक्रम को व्यवस्थित सांचे में ढालने में व्यवस्थापकों ने कोई कसर छोड़ी हो किंतु वो ब्लोगर्स ही कैसे जो बंधी-बंधाई लीक पर चलें !
मीडिया के तमाम प्रमुख हस्तियों द्वारा ब्लॉग के महत्त्व को स्वीकारना कार्यक्रम की सफलता रही, और इसके पीछे निश्चित रूप से आयोजक डॉ भारती कश्यप जी और उनकी टीम की उल्लेखनीय भूमिका रही। घनश्याम जी का कार्यक्रम संयोजन और शैलेष भारतवासी जी का ब्लौगिंग पर बुनियादी जानकारी कार्यक्रम की सफलता के अन्य निर्णायक बिन्दु रहे। शिव कुमार मिश्रा जी, मनीष जी और प्रभात जी ने सफल ब्लौगिंग के मूल तत्वों पर प्रकाश डाला; तो अन्य ब्लोगर्स ने अपने अनुभव बांटे। मैंने भी वैचारिक व् सूचनाओं पर आधारित पोस्ट्स के स्वामित्व के प्रश्न पर अपने विचार रखे, जिसे बाद में यहाँ भी चर्चा करूँगा। श्यामल सुमन जी और पारुल जी की ग़ज़लों और अमिताभ मीत जी के शेरों ने कार्यक्रम को जिवंत कर दिया.
कुछ ब्लौगर्स ने आभासी और वास्तविक दुनिया के मध्य मेरी दुविधा पर उत्सुकता जताई थी। जैसा कि उन्मुक्त जी ने कामना व्यक्त की थी- सभी ब्लौगर्स अपनी छवि के अनुरूप ही उत्साही, सृजनशील और मित्रवत थे. पारुल जी के व्यक्तित्व में वास्तव में 'सरगम' की झलक थी, तो रंजना जी के व्यक्तित्व में 'संवेदना संसार' की झलक. प्रभात जी 'गपशप' के ही मूड में थे तो संगीता जी में 'गत्यात्मक ज्योतिष' का बड़प्पन. लवली जी अपने नाम के ही अनुरूप थीं, हाँ किसी 'भुजंग' स्वामिनी की इमेज आपके दिलों में हो तो उसे भुला दीजियेगा ! 'भूतनाथ' नहीं भाई राजीव थपेड़ा ही सही रहेगा; क्योंकि इस उपनाम के साथ हम पर इमोशनल अत्याचार कर रहे हैं वो।
इस क्षेत्र के ब्लौगर्स को जोड़ने में यह कार्यक्रम काफी हद तक सफल रहा, किंतु अभी ऐसे आयोजनों को एक लंबा सफर तय करना है. कई सक्रिय ब्लौगर्स और नए ब्लौगर्स को भी प्रेरित करने की नई संभावनाएं दर्शा गया यह 'ब्लौगर्स मीट'.

16 comments:

रंजना said...

Dhanyawaad...aapne bhaymukt kiya....

Sachmuch aaplogon se milkar badi prasannta hui.Yah awsar yaadgaar rahega.

Arvind Mishra said...

एक उन्सांस के साथ पढ़ गया सब -शुक्रिया अभिषेक !

रंजू भाटिया said...

बहुत अलग अंदाज़ बढ़िया लगा

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

करके सफर निरन्तर, रचनाधर्मी जोड़ रहे हैं।
अभिषेकानन्दन करने को, सरपट दौड़ रहे हैं।।

सफल यात्रा रहे आपकी, करता हूँ अभिलाषा।
उर-मन्दिर में युवा रहे, आशाओं की परिभाषा।।

Unknown said...

क्या बात है भैया, सफ़र इतना लम्बा और पोस्ट इतनी छोटी… और विस्तार से अगली पोस्ट में बताया जाये… ज्यादा खुशी होगी…

विष्णु बैरागी said...

जितनी भी बार इस 'मीट' का विवरण पढा, हर बार एक ही बात मन में उठी - काश! मैं भी वहां होता।

आपसे अनुरोध है कि कृपया 'मीट' का विस्‍तृत ब्‍यौरा, श्रृंखलाबध्‍द हमें उपलब्‍ध कराएं। जब तक इसकी कडिया पूरी न हों तब तक और कुछ न लिखें।

यह इसलिए कह रहा हूं क्‍यों कि मुझे लग रहा है कि अब ऐसे आयोजनों का क्रम प्रारम्‍भ हो जाएगा। तब आपका विवरण सहायक होगा।

इस आयोजन की व्‍यवस्‍थाओं के बारे में भी विस्‍तार से बताइएगा। क्‍या व्‍यवस्‍थाएं थीं, क्‍या व्‍यवस्‍थाएं और होनी चाहिए थीं आदि, आदि।

L.Goswami said...

आपसे मिल नही पाई आते वक्त आप मंच पर थे मैंने अवरोध पैदा करना ठीक नही समझा.आप मेरे बुलाने पर आए मुझे बहुत खुसी हुई .धन्यवाद आपको .

संगीता पुरी said...

बहुत अच्‍छा लगा आप सबों से मिलकर....अगले वर्ष का ऐसे ही ब्‍लागर मीट के होने का इंतजार रहेगा ।

गोविंद गोयल, श्रीगंगानगर said...

hame intjar rahega. narayan narayan

Vineeta Yashsavi said...

Aapki post par ke lag raha hai ki apki blogers meet bahut achhi rahi...

Mohinder56 said...

photo kidhar hain ji... theory theory no practical :)

P.N. Subramanian said...

बहुत अच्छा लगा. अब हमारी भी हिम्मत बांध गयी. अगली बार के लिए. आभार.

राज भाटिय़ा said...

बहुत ही सुंदर लगी आप लोगो की यह ब्लॉगर मीट. काश हम भी होते...
ओर आप ने इस के बारे लिखा भी बहुत प्यार से .
धन्यवाद

Science Bloggers Association said...

इस सफल आयोजन हेतु आप सबको हार्दिक बधाई।

Shiv said...

आपका लिखा बिलकुल ठीक है. आपसे वहां मिलकर बहुत ख़ुशी हुई.

उन्मुक्त said...

चलिये अच्छा रहा कि सभी ब्लौगर्स अपनी छवि के अनुरूप ही उत्साही, सृजनशील और मित्रवत लगे।

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