Saturday, October 31, 2009

Arunachal Mein Chath II

Yeh Internet ki suvidha (!) ka natija hai.

3 comments:

राज भाटिय़ा said...

अरे इन लोगो को कोई समझये यह पुजा नही बल्कि पानी को गंदा कर रहे है

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

मौन को ही टिप्पणी मान लें।

नीरज मुसाफ़िर said...

abhishek ji,
aapki majboori main samajh raha hu.

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