अपनी एक एक पेंटिंग के साथ प्रियंका अंबष्ठ |
''सपने वो नहीं होते जो आप सोने के बाद देखते हैं, सपने वो होते हैं जो आपको सोने नहीं देते''- डॉ कलाम साहब का यह कथन कई रचनात्मक लोगों के जीवन की वास्तविकता है। ऐसे ही लोगों में से एक से मिलने का अवसर प्राप्त हुआ ललित कला अकादमी, नई दिल्ली में एक पेंटिंग प्रदर्शनी के दौरान। यहां की विभिन्न गैलरियों में लगी प्रदर्शनियों में एक एकल प्रदर्शनी थी प्रियंका अंबष्ठ जी की भी। 8-14 दिसंबर, 2022 के मध्य आयोजित उनकी प्रदर्शनी की थीम थी- 'Healing with colours'
प्रियंका अंबष्ठ जी की चित्र प्रदर्शनी की एक झलक |
दर्शकों को अपनी पेंटिंग के बारे में बताती हुई प्रियंका जी |
एक भौतिक चिकित्सक न सही एक आत्मिक चिकित्सक के रूप में वो रंगों को साधन बना अपने दर्शकों के मन की अंतःचिकित्सा की ओर बढ़ रही हैं। उनके चित्र इस प्रक्रिया के सुंदर माध्यम हैं। ये चित्र और इनके रंग महज किसी कल्पना के साकार रूप मात्र नहीं हैं बल्कि हर रंग, हर पेंटिंग, हर कोण मनुष्य के किस चक्र को किस प्रकार प्रभावित कर जाए इसके सुचिंतित चिंतन का साकार रूप भी हैं। इसीलिए उनके चित्र देश के विभिन्न भागों में कला प्रेमियों द्वारा काफी पसंद किये और सराहे जा रहे हैं।
प्रियंका जी इस क्षेत्र में देर से पर एक स्पष्ट थीम को लेकर उतरी हैं। चित्रकला उनकी मात्र आवश्यकता नहीं है बल्कि अब तक बचा कर रखा गया वो ज़ज़्बा है जो उनके सोच, विचारों आदि को अभिव्यक्ति देता है; साथ ही दर्शकों से जुड़ने की तो थीम मौजूद है ही उनके चित्रों में।
ऐसे में उनके अंदर पूरी संभावना है कि वो इस विस्तृत क्षेत्र में अपनी एक विशिष्ट जगह और छवि बना सकें। उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना और शुभकामनाएं हैं।