Tuesday, May 21, 2013

कश्मीर : रुसी पोपलर वृक्ष का कहर...



हिमपात खत्म होने के बाद बदलते मौसम में कश्मीर की वादियाँ जहाँ अपनी खूबसूरती की नई परतें उतार रही थीं, वहीँ एक नई प्राकृतिक समस्या भी उभर रही है. मगर ये समस्या आयातीत ही ज्यादा प्रतीत हो रही है. रुसी पोपलर के नाम से जाने वाले एक वृक्ष से रुई की तरह उड़ते पराग से स्थानीय निवासियों में एलर्जी की समस्या खतरनाक रूप से बढ़ रही है.


 जल्दी बढ़ने की खासियत को देखते हुए 80 के दशक में सामाजिक वानिकी योजना के तहत यहाँ ‘रुसी चिनार’ भी कहलाये जाने वाले इन वृक्षों का रोपण करवाया गया था, मगर आज इस मौसम में ये सांस तथा स्वास्थ्य संबंधी कई बिमारियों की वजह बनते जा रहे हैं. वैसे ही जैसे आज देश के दूसरे हिस्सों से यूकेलिप्टस, गाजर घास जैसी प्रजातियों के दुष्परिणाम सामने आ रहे हैं. फिलहाल तो श्रीनगर जिला प्रशासन द्वारा इन पेड़ों के लगाये जाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. पहले से मौजूद पेड़ों को हटाने के लिए विशेषज्ञों से रिपोर्ट भी मांगी गई है.

अक्सर पाया जाता है कि इस तरह के आयातीत समाधान हमारी समस्याओं को बढ़ाने वाले ही साबित हुए हैं. ऐसे में क्या उचित नहीं कि ऐसे किसी भी निर्णय पर पहुँचने से पहले उचित शोध और कृषि वैज्ञानिकों से पर्याप्त चर्चा व सहमति कायम करने के प्रयास कर लिए जायें ! ताकि हमारे देश का पर्यावरण सुरक्षित रह सके.....


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