Sunday, August 15, 2010

अरुणाचल की भी थी भागीदारी स्वतंत्रता संग्राम में




केकर मनियोंग युद्ध स्मारक
 
अंग्रेजों की साम्राज्यवादी निति के विरुद्ध अपनी तरह का एक अनूठा प्रतिरोध उत्तर - पूर्व के इस भाग की और से भी दर्ज किया गया था. अरुणाचल प्रदेश के पूर्वी सियांग जिले के पंगिन क्षेत्र में एक खड़ी पहाड़ी (Cliff ), जिसे स्थानीय जनजातीय समुदाय 'आदि' अपने प्रदेश का प्रवेश द्वार मानता है साक्षी है उस अनूठे प्रतिरोध का जब इस समुदाय ने अपेक्षाकृत समृद्ध और सक्षम ब्रिटिश सेना के विरुद्ध अपने परंपरागत तीर - धनुष आदि हथियारों से प्रकट किया था. 1911 का यह आन्दोलन मात्र एक समूह विशेष तक ही सीमित नहीं रह गया था, बल्कि अंग्रेजी साम्राज्यवादी नीतियों से प्रभावित तमाम जनजातीय समूह इस विरोध में एकजुट थे. इसलिए स्थानीय समुदाय आज भी इस स्थल को देश के किसी भी अन्य स्वतंत्रता संग्राम जुड़े स्थलों के सामान सम्मान देते हुए स्वतंत्रता के राष्ट्रीय संघर्ष में अपने योगदान के रूप में देखते हुए संरक्षित रखे हुए है.
 
स्वतंत्रता आन्दोलन से जुड़ी ऐसी कई और विरासत जो इस देश में अब भी अज्ञात और अल्पचर्चित हैं उनके पुनः अध्ययन  और संरक्षण की जरुरत है. 

5 comments:

राज भाटिय़ा said...

स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं!

रचना दीक्षित said...

अभिषेक जी सुंदर जानकारी के लिए धन्यबाद एवं
स्वतंत्रता दिवस पर हार्दिक शुभकामनाये और ढेरों बधाई.

प्रवीण पाण्डेय said...

ज्ञानवर्धक और गर्व कर सकने योग्य।

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

मेरी ओर से स्वतन्त्रता-दिवस की
हार्दिक शुभकामनाएँ स्वीकार करें!
--
वन्दे मातरम्!

Arvind Mishra said...

मेरे लिए नयी जानकारी

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