दिल्ली आये हुए एक साल से थोडा ज्यादा अरसा हो गया, और अब फिर यहाँ से विदाई की बेला है - धरती के स्वर्ग की ओर (कृपया इस सूचना को आज के दिन विशेष से जोड़ कर न देखा जाये...)
जानता था एक इंजीनियरिंग जियोलौजिस्ट होने के नाते मुख्य भूमि पर ज्यादा दिन नहीं लिखे हैं मेरे लिए, इसलिए इस अवधि को भरपूर जिया. आर्ट और कल्चर से जुडी कई गतिविधियों में शामिल हुआ, कई महत्वपूर्ण लोगों से मिलने का मौका मिला, काफी घुमा, वापस ब्लौगिंग से जुड़ा और अपने अनुभवों को शेयर किया. इस सफ़र में आप लोगों ने भी पूरा साथ दिया और उत्साहवर्धन किया धन्यवाद. इस सफ़र का सारांश फिर कभी. पहले इस सफ़र के संभवतः अंतिम महत्वपूर्ण पड़ाव प्राकैतिहसिक महत्व के ' भीमबेटका' और ऐतिहासिक स्थल 'साँची' की एक झलक चित्रों के माध्यम से...
प्राकऐतिहासिक भित्तिचित्रों के लिए प्रसिद्द भीमबेटका
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वो पहली रचना !!! |
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समय के साथ अपनी पहचान खोते भित्तिचित्र |
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भोपाल का एक प्राचीन मंदिर |
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साँची की शांति वाकई महसूस हुई यहाँ.
स्तूप को स्पर्श करने पर महसूस हुए भावों को अभिव्यक्त नहीं कर सकता |
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प्रवेश तोरणों पर बुद्ध तथा तत्कालीन जनजीवन को झलकाती झांकियां |
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प्राचीन बौद्ध मठ |
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उदयगिरी की गुफाएं जहाँ जैन धर्म का प्रभाव दृष्टिगोचर होता है |
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विदिशा का करीब 2000 वर्ष प्राचीन 'गरुड़ स्तंभ' जिसे हेलियोदौरस ने 'वासुदेव' (विष्णु) के सम्मान में स्थापित करवाया था... |
चैत्र नवरात्री और रामनवमी के पावन पर्व की भी हार्दिक शुभकामनाएं...
8 comments:
Bahut Bahut achche collection hai..... aur bahut hi achche tarike se prasustati hai.... Hamesha ki tarah tumahara
तीन चार बार भोपाल जाने का मौका मिला है और एक बार भी ऐसा साथी नहीं मिला जो भीमबैठका तक साथ चले। अगली बार ’चल अकेला’ फ़ार्मूला अपनाया जायेगा।
नयनाभिराम ..क्या कोई नया अजायिन्मेंट आ गया क्या ?
कुछ नया लखिए न :)
लाजवाब!!
सुन्दर प्रस्तुति. दूसरा चित्र (वो पहली रचना) पहले कहीं नहीं देखी थी.
बहुत बेहतरीन
I've been to all these places except udaygiri caves..
nice pics..
all these places are magical :)
I love Madhya Pradesh for this reason
hindustan ka dil :) !!!
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