Sunday, June 19, 2011

'टू स्टेट्स' – When North Met South

एक विवाह संस्मरण 

एक-दूजे के लिए

शादियों का मौसम चल रहा है और एक-एक कर मेरे भी कुंआरे मित्रों की संख्या घटती जा रही है. जिंदगी के इस अनिवार्यप्राय हादसे के हालिया शिकार हुए हैं मेरे एक अजीज मित्र – आशीष सिंह जिनसे मेरा पहला परिचय बी. एच. यू. में ही हुआ. हमारे बैच से वि. वि. को शायद कुछ ज्यादा ही अपेक्षाएं थीं, इसलिए हमारे पहुँचते ही स्नातकोत्तर कक्षाओं में सेमेस्टर सिस्टम लागू कर दिया गया, इस एकेडेमिक आक्रमण से जूझने में हमारे बैच ने पुरे भारतीय अंदाज में ‘अनेकता में एकता’ का परिचय दिया, और शायद यह भी एक कारण रहा अलग-अलग रुझान के लोगों को भी एक-दूसरे से जोड़ने का.

दोस्तों के मामले में मैं काफी चूजी हूँ. दोस्ती का अगर कुछ क्रिटेरिया रहता हो तो पता नहीं हम इसे फुलफिल करते हैं या नहीं मगर दो बिलकुल विपरीत प्रकृति के व्यक्तियों में यदि ऐसा कुछ रिश्ता बना है तो वाकई दोस्ती भी एक पहेली ही है जिसे सुलझाना आसान नहीं. एक तरफ मैं अंतर्मुखी, 'अकेला-अपनी धुन में मगन' रहने वाला प्राणी, तो दूसरी ओर वो – जो शायद खाना ना मिले तो कोई फर्क नहीं; मगर आस-पास दोस्तों की भीड़ ना हो तो शायद जिसका दम ही घुट जाये.  

खैर आशीष सिंह, जिसे हम सभी ‘नवाब’ के नाम से पुकारते हैं (एक तो लखनऊ से होने और दूसरे उनकी कुछ नवाबी नफासत की वजह से भी) की विवाह गाथा भी कम दिलचस्प नहीं है. ‘टू स्टेट्स’ की कहानी की जिवंत उदाहरण इस जोड़ी ने न सिर्फ अपने प्रेम को परवान चढ़ाने में लंबा समय लिया, बल्कि अपने-अपने परिवारों में इस रिश्ते की सहमति बनाने की समानांतर प्रक्रिया भी जारी रखी. लखनऊ के आशीष और तमिलनाडु की कविता की प्रथम मुलाकात नौर्थ और साऊथ को जोड़ने वाले हैदराबाद के नेशनल जिओफिजिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट में ही होना मुनासिब थी. इनकी रोचक लव स्टोरी आप यहाँ भी विस्तार से पढ़ सकते हैं.
लकड़ी की काठी, काठी पे ........

आज आशीष एक बहुराष्ट्रीय कंपनी सिस्मिक माइक्रो टेक्नोलॉजी इंक में अकाउंट मैनेजर हैं और भाभी कविता ओ. एन. जी. सी. में जिओफिजिसिस्त (Geophysicist) हैं.

Team NGRI
7 जून को इनका विवाह दिल्ली से संपन्न हुआ और जैसी कि अपेक्षा थी यह सिर्फ आशीष की शादी में ही संभव हो सकता था कि अलग-अलग कोनों में बिखरे हुए मित्र फिर एक बार एकत्रित हो सकें.
मित्रों के साथ:  कोई बंगाल से-कोई गुजरात से.....


विवाह स्थल की साज-सज्जा काफी आकर्षक थी और खान-पान की तो पूछिए ही मत - लोग कन्फ्यूज थे कि उत्तर भारतीय व्यंजनों का लुत्फ़ लें या द. भारतीय व्यंजनों की ओर जायें. विवाह में उत्तर और दक्षिण की परंपराओं को एकसाथ संपन्न होते देखना भी एक अपूर्व अनुभव था.
इस रस्म का नाम तो पता नहीं चला, मगर नवाब साहब को शादी से पहले ही नाक रगड़ने का प्रशिक्षण तो मिल ही गया.

अपने प्रोफेशन की विवशताओं से आबद्ध मेरे लिए यह एक सुयोग ही था कि अपने कुछ अजीजों की शादी में शरीक होने का अवसर मिल गया, वर्ना “ कल हम कहाँ, तुम कहाँ ! ”

खैर, नवाब साहब से अबतक तो शिकायत थी कि उनकी साहित्य में कोई दिलचस्पी नहीं मगर जब अब उनकी जिंदगी में अगले सात जन्मों तक ‘कविता’ आ ही गई है तो आशा है अब इनमें भी कवित्व के कुछ लक्षण प्रकट होंगे और दोनों मिलकर अब कुछ नए ‘छंद’ की भी ‘सृष्टि’ करेंगे.
My Imagination : Mr. & Mrs. Singh - Few Years Later :-)


नव दंपत्ति को सफल और सुखद वैवाहिक जीवन की हार्दिक शुभकामनाएं. 

19 comments:

रचना दीक्षित said...

बढ़िया संस्मरण, नवदम्पति को शादी की शुभकामनायें.

shivranjan said...

Bahut achchhe mishra ji.
Aashish aur kavita ko subhkamnayen.

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

आपकी पोस्ट बहुत अच्छी लगी।
--
पितृ-दिवस की बहुत-बहुत शुभकामनाएँ।

Dr. Zakir Ali Rajnish said...

आभार।

---------
टेक्निकल एडवाइस चाहिए...
क्‍यों लग रही है यह रहस्‍यम आग...

Yogesh Ray said...

badiya mitra

anugunjan,a humming from anubhav said...

abhishek bhaiya, ya yun kahen ki luckonow main bahne wali gomti jake kaveri se mil gayi!!!!

Yogesh Ray said...

Really its INDIA united at the marriage of 2 States............

Dr (Miss) Sharad Singh said...

Interesting ....
Thanks for sharing.

Manoj K said...

wah kya xplanation hai ki lagta hai...syad maine shadi miss kiya hi nahi.....??
Asheesh Sr...Shadi ki dher sari subhkamnaiye...!!!

शिखा कौशिक said...

bahut sundar sansmaran .badhai .

Urmi said...

सुन्दर चित्रों के साथ बहुत बढ़िया संस्मरण! शानदार प्रस्तुती!
मेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है-
http://ek-jhalak-urmi-ki-kavitayen.blogspot.com/

BrijmohanShrivastava said...

पढा तस्बीरें देखी बहुत अच्छा लगा

Urmi said...

टिप्पणी देकर प्रोत्साहित करने के लिए बहुत बहुत शुक्रिया!
मेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है-
http://seawave-babli.blogspot.com/

virendra sharma said...

A very good piece of cultural reporting with satirical overtones .We also congratulate this cultural integration .

virendra sharma said...
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virendra sharma said...

Pl .do not read "Mommyrexia" and if ever read don,tlend your mind to it .Blessings for the newly weds .

virendra sharma said...
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virendra sharma said...
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virendra sharma said...
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