Friday, October 7, 2011

अमूल : वाकई 'द टेस्ट ऑफ इण्डिया'


यह पोस्ट अमूल के किसी भारी-भरकम अध्याय पर आधारित नहीं है बल्कि यह मात्र एक प्रयास है उन डेलिशियस यादों को दोहराने का जो अमूल ने हमसे बांटे हैं अपने अटरली बटरली  एड्स के जरिये.

अमूल के विज्ञापन हमेशा से ही काफी रोचक और सामायिक घटनाक्रम पर तीक्ष्ण नजर रखने वाले रहे हैं. एक दौर था जब बनारस में आँखें जाने-पहचाने मोड़ से गुजरते हुए उस होर्डिंग्स को ढूंढती रहती थीं जिसपर इसके नए एड लगाये जाते थे. तब काफी अफ़सोस हुआ था जब किसी कारणवश उस होर्डिंग को हटा दिया गया था.



अमूल के एड्स हमेशा से ही जनमानस की भावनाओं की अभिव्यक्ति के काफी करीब रहे हैं, चाहे कोई राजनीतिक मुद्दा हो या सामाजिक या मनोरंजक.


हाल में ही 'एप्पल'  के सह संस्थापक स्टीव जौब्स  और नवाब पटौदी को अपने अनूठे अंदाज में श्रद्धांजलि दे अमूल ने अपनी गहरी संवेदनशीलता का भी परिचय दिया है.





अमूल विज्ञापनों के थिंक टैंक के सन्दर्भ में यदि आपके पास भी कोई जानकारी हो तो हमसे भी साझा करें.

अमूल परिवार को उसके सफल और लंबे सफर की शुभकामनाएं.



चलते-चलते यह अमूल - मंथन :

" मेरो गाम कंथा पारे..."

12 comments:

Rahul Singh said...

फिल्‍म के बाद दूसरी बार सुना यह गीत, बहुत खूब.

Rahul Singh said...

अमूल विज्ञापन तो शायद सभी नेट पर हैं, मुझे कुछ याद आते हैं, उनमें पहला, फुटबाल विश्‍व कप के बाद माराडोनर की तस्‍वीर के साथ वाला है-
MARAD ONA TO AISA HONA, MAKKHAN HONA TO AMUL JAISA HONA.

अजित गुप्ता का कोना said...

कुछ विज्ञापन इतने अच्‍छे बनते हैं कि उन्‍हें नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।

रविकर said...

बेहतरीन ||

बहुत बहुत बधाई ||

dcgpthravikar.blogspot.com

anshumala said...

बनारस में अमूल का विज्ञापन लहुराबीर चौराहे पर लगा होता था हम लोग भी वहा से जाते समय जरुर एक नजर डालते थे नया विज्ञापन देखने के लिए | अभी कुछ समय पहले जब अमूल में सत्ता परिवर्तन हो रहा था तो टीवी पर एक रिपोर्ट देखि थी जिसमे इसके विज्ञापन के बारे में काफी कुछ बताया गया था किन्तु अब याद नहीं आ रहा है सर्च करे वो रिपोर्ट मिल जाएगी | ये फिल्म और गाना तो बहुत पसंद है बाद में इस गाने को अमूल ने अपने विज्ञापन में भी प्रयोग किया था |

shilpy pandey said...

yummmmmmmmmmmmmm!!! ...

अभिषेक मिश्र said...

@ राहुल जी,
मुझे भी यह गीत काफी पसंद था, यह पोस्ट अधरी थी इसके बगैर तो इसी बहाने इसकी खोज भी हो गई. हाँ नेट पर इसके कई प्रमुख विज्ञापन भी उलब्ध हैं.

@ अनिता जी,

सही कहा आपने कि कुछ विज्ञापन इतने अच्छे बनते हैं कि उन्‍हें नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।

अभिषेक मिश्र said...

@ अंशुमाला जी,
आपने लहुराबीर की खूब याद दिलाई है. चलिए इस पोस्ट के बहाने आपके बनारस से संपर्क होने कि भी जानकारी मिली. वो रिपोर्ट सर्च करने कि कोशिश करूँगा. धन्यवाद.

Anju (Anu) Chaudhary said...

badiya lekh sanjha karne ke liye dil se aabhar

amul is the best .......

P.N. Subramanian said...

उस थिंक टेंक को तो ग्रेट सलाम. फिल्म नहीं देखी थी. गीत प्यारी लगी. आभार.

आशा बिष्ट said...

hello sir... apne meri pahli post par comment kar mujhe abhiprerna di hai.so thanks.......

bahut achcha likha hai..

mark rai said...

Bahut hi sunder ABHISHEK ji....wakai kuch yaaden to taja ho hi gayi .........

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