बचपन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बोकारो में बिताने का अवसर मिला.जहाँ हमलोग रहते थे वह एक सिखबहुल क्षेत्र था. इसलिए बचपन से ही सिख मान्यताओं और परिवेश से परिचित तथा प्रभावित रहा. तब गुरु नानक जयंती जैसे पर्वों पर गुरूद्वारे जाने का एक अलग ही अनुभव मिलता रहा मुझे. 84 के दंगों की बालमन पर जो स्मृतियाँ हैं उनपर मणिरत्नम साहब एक और फिल्म बना सकते हैं. तब शायद मैंने सोचा भी नहीं था कि कभी सिख समुदाय के सबसे महत्वपूर्ण धर्मस्थल ' स्वर्णमंदिर' जाने का भी अवसर मिलेगा.
पिछला रविवार मेरा लिए एक ऐसा ही महत्वपूर्ण अवसर रहा जब मुझे इस महत्वपूर्ण तीर्थस्थल पर जाने का अविस्मरनीय मौका मिला.
आज बनारस की देव दीपावली का भी अद्भुत ही रंग रहेगा.
साथ ही झाड़खंड के हजारीबाग में कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर प्रसिद्ध ' नरसिंह स्थान ' का मेला भी लोगों के आकर्षण का केंद्र रहेगा.
आप सभी को इन पर्वों की हार्दिक शुभकामनाएं.
13 comments:
गुरूनानक जयन्ति पर शुभकामनाएं।
सुंदर चित्र .. आपको भी शुभकामनाएं !!
गुरुनानक जयंती पर बहुत बहुत शुभकामनाएं ... खूबसूरत चित्रों मैं कैद किया है स्वर्ण मंदिर को ..
बनारस की देव दिवाली से कई यादें जुड़ी हैं!
सुन्दर प्रस्तुति!
प्रकाशपर्व की शुभकामनाएं!
बनारस जाना तो होता है ,लेकिन देव -दीपावली देखने का सौभाग्य प्राप्त नहीं हुआ है
आपको भी ढेरों शुभकामनाएँ
गुरु नानक जयंती पे यह विशेष आलेख अच्छा लगा.. आपको इस पवन पर्व पे बधाई एवं शुभकामनायें !
पर्बों का मौसम है जी....
बधाई...
हम तो चंडीगढ़ में पांच साल की पोस्टिंग बिताकर आए हैं। यह सब बहुत मिस करता हूं।
आपको भी शुभकामनाएं।
प्रकाशपर्व, देव दिवाली की शुभकामनाएं...
स्वर्ण मंदिर पर विस्तार से लिखना था न
खूबसूरत चित्रों से सुसज्जित बढ़िया प्रस्तुति.
आपको भी
I've read n hears so much about these places... I so much wish to visit them... may b I'll in future :)
Awesome post..
n Greetings to u too !!
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