
टीवी पर सानिया की शादी की ही खबरें हैं। मैं 'व्यक्तिगत स्वतंत्रता' और 'मीडिया की दीवानगी' पर कुछ नहीं कहने जा रहा। ब्लॉग जगत में इसपर पहले ही काफी चर्चा हो चुकी होगी। मगर एक सवाल मन में उभरता है कि क्या अति सफलता (और सुन्दरता भी) किसी व्यक्ति को अपने परिवेश के प्रति इस कदर उपेक्षा का भाव भर देती है कि वो अपनी सामाजिक जिम्मेदारिओं के प्रति बिलकुल बेपरवाह ही हो जाये। आखिर जिस आम जनता ने इन्हें स्टार बनाया है उनकी भावनाओं के प्रति भी ये थोड़े उत्तरदाई हैं या नहीं !
अरुणाचल की वादिओं, और नेटवर्क मुक्त जोन से कुछ दिनों का यह संछिप्त विराम अब समाप्ति की ओर है, आज रात वापस रवाना हो जाऊंगा। जब तक इन्टरनेट के संपर्क में रहा पोस्ट्स का प्रयास रहेगा, उसके बाद फिर एक अनिश्चितकालीन ब्रेक।
बस तब तक -
"मुझे तुम याद करना और मुझको याद आना तुम,
मगर मैं लौट के आऊंगा, ये मत भूल जाना तुम..."
2 comments:
लौट के बहुत कम लोग आते हैं मगर आप आयेगें !
इंतजार रहेगा
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