(जिंदगी से जो रोज एक नया सबक सिखाती है)
1. दिल की आवाज को पहचानो जो अक्सर दिमाग और बाहर के शोर में दब जाती है.
2. कोई भी निर्णय पूरे सोच – विचार के बाद लो और उसपर अडिग रहो ताकि बाद में कभी पछतावा न हो.
3. आज के दौर में कैरियर इस देश का सबसे विचारणीय मुद्दा है. अपने शौक और क्षमताओं की पहचान कर उसे कैरीयर का रूप दे सको तो महज duty की formality पूरी नहीं करोगे बल्कि उसका लुत्फ़ भी उठाओगे.
4. Problems को opportunities के रूप में लेना. याद रखना कि – “ जिस काम में जितनी ज्यादा समस्याएं आयें, समझ लेना वो काम उतना ही बेहतर होने वाला है.”
5. NCC की ट्रेनिंग कभी अनिवार्य हो या नहीं, कम – से - कम 1 वर्ष के रिसर्च का अनुभव किसी उपयुक्त गाईड के अंतर्गत जरुर ले लेना. भावार्थ समझने का मौका जीवनपर्यंत मिलता रहेगा; 1 उम्र तो थोड़ी कम ही पड़ेगी. J
6. परिवर्तन एक शाश्वत प्रक्रिया है, इससे कभी घबडाना मत. Evolution के लिए परिवर्तन भी आवश्यक है.
तो – “ सैर कर दुनिया की गाफिल, ये जिंदगानी फिर कहाँ;
जिंदगानी गर रही तो, नौजवानी फिर कहाँ ! “
7. असफलता सिर्फ यही नहीं सिखाती कि सफलता का प्रयास पुरे मन से नहीं हुआ बल्कि यह भी कि – “ सितारों के आगे जहाँ और भी हैं;
अभी मंजिलों के इम्तिहाँ और भी हैं “
8. दोस्ती सबसे बड़ी नेमत है. यह ऐसी शै है, जिसे इश्वर आपको खुद चुनने का मौका देता है. तो इस मौके को व्यर्थ मत जाने देना ताकि कल बता सको कि रिश्ते जोडने में अपनी काबिलियत उससे कम भी नहीं.
9. शादी ??? (अहूँ – अहूँ) – “ उसी से करो जिससे दोस्ती कर सकते हो, घंटों बातें कर सकते हो ”
10. और यह भी कि – “ जो तुम्हारे मन का हो अच्छा, जो न हो वो और भी अच्छा; क्योंकि उसमें भगवान की मर्जी छुपी होती है “
15 comments:
सचमुच जोरदार सबक .....सभी अकाट्य ...लोग समझें तो ....
और हाँ एडिसन ने यह कहा था की किसी काम में अगर सौ असफलतायें भी मिलती हैं तो उसका सकरात्मक पहलू यह है कि आपको यह नयी जानकारी मिली कि इंगित काम को उन सौ तरीके से नहीं किया जा सकता .....मतलब आपकी जानकारी में वृद्धि ही हुयी !
सारे ही सबक श्रेष्ठ हैं। बधाई।
सभी सबक ज़बर्दस्त है। इन्हें सभी अमल में लाएं तो मज़ा आ जाए।
नव वर्ष 2011 की हार्दिक शुभकामनाएं ! यह नव वर्ष आपके जीवन में सुख-समृद्धि और सफलता प्रदान करे ।
जिंदगी जो रोज एक नया सबक सिखाती है..... सबक विचारणीय है।बधाई स्वीकारें !
आप को सपरिवार नववर्ष 2011 की हार्दिक शुभकामनाएं
दशक के दस सबक तो खूब लिखे...
नवां ..!!!उहूँ उहूँ !!!!!:)
.............
नववर्ष २०११ की हार्दिक शुभकामनाएँ.
'सी.एम.ऑडियो क्विज़'
हर रविवार प्रातः 10 बजे
Kya baat hai...kya khub gyan bikhere hai... mazza hi aa gaya...
... bahut sundar !!
यही सब सबक हमें मंजिल तक पहुंचा सकेंगी. बहुत सुन्दर प्रस्तुति.
Badiya, Mera bhi Aisa hi kuch anubao hai, sirf phark itna hai maine sirf socha aapne likha bhi.
अच्छी व्याख्या और विवेचना.नव वर्ष पर पुरानी बातों से कुछ नई सीख लें सकारात्मक सोच के साथ नव वर्ष का सवागत करें. आज के समाज में लोगों को सकारात्मक सोच की प्रेरणा देता बेहतरीन लेख विचारणीय प्रस्तुति
@ विनीता यशस्वी
यह ज्ञान मेरे एक दशक के खुद के अनुभवों का निचोड़ है, जिसमें बनारस जैसी धार्मिक नगरी का प्रवास और अरुणाचल का एक वर्षीय अज्ञातवास सदृश्य वनवास भी शामिल रहा है. 'ब्लॉगिंग धर्मचक्र प्रवर्तन' से कम नहीं यह पोस्ट भी.
@ Abhishek : ye baat to hai maharaj...
waise aage kya gyan dene ki soch rahe hai...jaldi dijiye aisa na ho ki deri ho jaye...
बहुत अच्छी सीखभरी बातें... परन्तु दिल और मन अलग होता है क्या? और नहीं तो क्या पहली और आख़िरी बात मेल खाती है या फ़िर सिर्फ दिल को sympathy देने के लिए हैं...
@ पूजा जी
आपके कमेन्ट ने वाकई सोचने को विवश कर दिया. बच्चन जी की इन पंक्तियों " जो तुम्हारे मन का हो... " को आप चाहें तो "दिल बहलाने को ग़ालिब, ख्याल अच्छा है" कह सकती है; लेकिन अक्सर ऐसा होता है कि हम दिल की आवाज की गलत पहचान या व्याख्या कर बैठते हैं, और फिर खुद को दोष देते हैं. ऐसे में उक्त पंक्तियाँ समय के साथ स्वयं को चरितार्थ करके दिखला ही देती हैं.कभी आजमा कर देखिएगा.
wah wah.... I have noted everything in my diary ..yaad rakhenge sab
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