Tuesday, March 6, 2012

विश्व पुस्तक मेला, नई दिल्ली

विश्व पुस्तक मेला, नई दिल्ली (25 फरवरी - 4  मार्च) समाप्त हो गया. पुस्तकों से आत्मीयता को शब्दों में तो बांधा नहीं जा सकता, मगर मेले में कुछ नए लोगों से मुलाकात, परिचय और संभावित मित्रता की उम्मीदों के साथ यादगार रहा ये आयोजन. तस्वीरों के माध्यम से एक भ्रमण - 

पुस्तकें ही पुस्तकें...






' पवित्र कुरान ' की मुफ्त प्रतियों का वितरण आकर्षण का केंद्र रहा,  आर्य समाज प्रकाशन की और से 'सत्यार्थ प्रकाश' की प्रति भी मात्र दस रु. में उपलब्ध कराई गई. 
' हिंद युग्म ' के स्टॉल पर प्रसिद्ध ब्लौगर शैलेष भारतवासी 



राजधानी नई दिल्ली के सौ वर्ष पर एक प्रदर्शनी भी...



मेला की थीम - भारतीय सिनेमा के सौ वर्ष पर एक विशेष दीर्घा भी.....





अंतर्राष्ट्रीय  प्रकाशक - 




चंद नामचीन अतिथि भी...



ये तो मात्र एक झलक ही है जो मैं अपने भ्रमण के दौरान जुटा पाया..... 

7 comments:

रविकर said...

सुन्दर प्रस्तुति |
आभार ||

Shikha Kaushik said...

bahut achchhi sachitr yatra pustak mele ki .aabhar .
YE HAI MISSION LONDON OLYMPIC

Jeevan Pushp said...

सुन्दर प्रस्तुति !
होली की ढेर सारी शुभकामनायें !
आभार !

virendra sharma said...

विहंगम दृष्टि पात खूबसूरत रहा .होली मुबारक ज़नाब .

मनोज कुमार said...

आप इसी तरह भ्रमण करते रहें हम लाभ उठाते रहेंगे।

दिगम्बर नासवा said...

चित्रों से पूरा लेखा जोखा लिख दिया ...

Anonymous said...

पुस्तक मेला मधु स्मृति। सुंदर सयोंजन अभिषेक जी।

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