आँखों देखे अनुभव, समाचार पत्रों और इन्टरनेट से जुटाई तस्वीरों के माध्यम से बनारस की रामलीला से सम्बंधित लेख का अन्तिम भाग प्रस्तुत कर रहा हूँ, आशा है पोस्ट पसंद आएगी.
श्रीराम राज्याभिषेक
अयोध्या के सिंहासन पर बैठे श्रीराम
ऐसा लग रहा था जैसे श्रीराम राज्याभिषेक का दृश्य देखने के लिए अयोध्यावासी ही नहीं अपितु संपूर्ण देवलोक भी व्याकुल हों। श्री राम व सीता को राज सिंहासन पर विराजमान होते देखने के लिए गुरु वशिष्ठ के साथ लंका के राजा विभीषण, सुग्रीव, अंगद, जामवंत, निषादराज व हनुमान सहित समस्त जनसमुदाय आतुर हैं। गुरु वशिष्ठ की आज्ञा पाकर श्रीराम ने दरबार में उपस्थित सभी का सिर नवाकर अभिवादन किया। श्रीराम की जय के घोष के बीच प्रभु के राजसिंहासन पर आरुढ़ होते ही रामनगर में चल रही रामलीला के 29 वें दिन रविवार को श्रीराम राज्याभिषेक की लीला संपन्न हुई।
ऐसा लग रहा था जैसे श्रीराम राज्याभिषेक का दृश्य देखने के लिए अयोध्यावासी ही नहीं अपितु संपूर्ण देवलोक भी व्याकुल हों। श्री राम व सीता को राज सिंहासन पर विराजमान होते देखने के लिए गुरु वशिष्ठ के साथ लंका के राजा विभीषण, सुग्रीव, अंगद, जामवंत, निषादराज व हनुमान सहित समस्त जनसमुदाय आतुर हैं। गुरु वशिष्ठ की आज्ञा पाकर श्रीराम ने दरबार में उपस्थित सभी का सिर नवाकर अभिवादन किया। श्रीराम की जय के घोष के बीच प्रभु के राजसिंहासन पर आरुढ़ होते ही रामनगर में चल रही रामलीला के 29 वें दिन रविवार को श्रीराम राज्याभिषेक की लीला संपन्न हुई।
लीला स्थल पर जाते श्री राम-लखन
काशीराज की परंपरा का निर्वहन करते महाराज कुंवर अनंतनारायण सिंह सायंकाल राजपरिवार के सदस्यों, दरबारियों, सभासदों के साथ रामनगर दुर्ग से पैदल चलकर अयोध्या लिलास्थल पहुँच चुके थे। राजा बने श्रीराम के सम्मान में कुंवर सहित सभी लोग जमीन पर बिछाए गए आसन पर बैठे। कुंवर ने श्रीराम को भेंट देकर राजतिलक किया। श्रीराम बने स्वरूप ने अपने गले का पुष्पहार कुंवर के गले में डाल दिया और हर-हर महादेव के उद्घोष से लीलास्थल गूंज उठा। समस्त देवता, चारों वेद और भगवान शिव भी समारोह में शामिल हुए। भगवान शिव के कैलाश प्रस्थान के बाद सभी वीर योद्धाओं को उपहार दे विदा किया गया। भरत, लक्ष्मण, शत्रुघ्न वानर वीरों को विदाई देने दूर तक गए। सुग्रीव ने हनुमान की इच्छा को देखते हुए सर्वदा श्रीराम सेवा के लिए उन्हें मुक्त कर दिया।
अयोध्या के राजसिंहासन पर राम-सीता विराजमान हैं, भरत, लक्ष्मण व शत्रुघ्न खड़े हैं तथा हनुमान को चरणों में नतमस्तक देख दर्शक भावविभोर हो उठे हैं।
18 comments:
man se anubhut karo to sachmuch man aanand vibhor ho jata hai.
बहुत अच्छा लगा .अब बहुत सारे लोगों के लिए शामिल हो सकना सम्भव हो सकेगा
हम तो ठहरे नास्तिकों की जमात मे भाव का क्या पता..हाँ फोटो सुंदर लगाई है आपने..बाकि हमें तो सब ड्रामा जैसा कुछ लगता है .
वाह रामजी के राज्याभिषेक का दृष्य साकार कर दिया ।
राम लक्ष्मण भरत शत्रुघ्न जानकी
जय बोलो हनुमान की ।
Very Good.
Thank You
Dr. Chandrajiit Singh
जानकारी देने के लिए धन्यवाद । मुझे यह रामायणियों द्वारा रामायण पढ़ने की बात पता नहीं थी । रामलीला देखे बहुत जमाना बीत गया है । बचपन की देखी रामलीलाएँ याद आ गईं ।
घुघूती बासूती
Vah Dharohar bhai , Ananad aa gaya ,aap kaa lekhan padhkar bachpan ke din yaad aa gaye...ase jeevant vratant ke lie badhai ...
बहुत ही अच्छा वृतांत रहा यह भी
JAI SHREE RAM...
काशी की तो लीला ही न्यारी है।
अच्छी पोस्ट है।
मान्यवर को प्रणाम, वास्तव में मनमोहक और ह्रदय स्पंदित करने वाली रचना है. सच हैं की "राम रहे न रहे रावण शायद सदा रहेगा, राम के हाथो मरता रहा है, राम के हाथो सदा मरेगा. मुझे भी इस प्रकार की रामलीलाये बहुत पसंद हैं. यहाँ हमारे दिल्ली में 'धार्मिक रामलीला कमेटी' की ओर से हर साल पुराणी दिल्ली में भगवान् राम की शोभायात्रा पूरे नौ दिन तक निकाली जाती है. इस बार दशहरे के दिन की शोभायात्रा को अपने कैमरे में कैद करके सभी राम भक्तो के लिए प्रस्तुत किया है. यहाँ पर देखिये: http://in.youtube.com/watch?v=RicVAXqGoV0 उम्मीद है आपको पसंद आएगी. -अमित माथुर
Priya Abhishek,
Aapakaa prayaas saraahaniya hai. Kahaan milataa hai aisa sub sunane aur dekhane ko....... Bhagawaan aapako saari khushiyaan de.
Keshav Dayal
Aap logon ne jis prakar mere pryas ki sarahna ki hai, uske liye hriday se aabhari hoon. Dhanyawad.
सुखमय अरु समृद्ध हो जीवन स्वर्णिम प्रकाश से भरा रहे
दीपावली का पर्व है पावन अविरल सुख सरिता सदा बहे
दीपावली की अनंत बधाइयां
प्रदीप मानोरिया
अद्भुत वर्णन बहुत सुंदर
दीप मल्लिका दीपावली - आपके परिवारजनों, मित्रों, स्नेहीजनों व शुभ चिंतकों के लिये सुख, समृद्धि, शांति व धन-वैभव दायक हो॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰ इसी कामना के साथ॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰ दीपावली एवं नव वर्ष की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं
कल ही चित्रकूट से लौटा हूं, वहाँ पर रामदर्शन किए। वे अलौकिक दृश्य अभी भी आँखों में बसे हैं।
दीप पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं।
सुंदर जानकारी पूर्ण आलेख
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