Monday, November 10, 2008

नरसिंह स्थान

नरसिंह स्थान मन्दिर, हजारीबाग.






झारखण्ड के हजारीबाग जिले में स्थित धार्मिक स्थल 'नरसिंह स्थान ' में आयोजित होने वाला यह एक वार्षिक उत्सव है। यह प्रति वर्ष कार्तिक पूर्णिमा के दिन आयोजित होता है। मान्यता है की लगभग 4०० वर्ष पूर्व स्व० श्री दामोदर मिश्र ने यहाँ नरसिंह भगवान की प्रतिमा स्थपित की थी। प्रारम्भ में कार्तिक पूर्णिमा के उपलक्ष्य में स्थानीय कृषक वर्ग नई फसल के रूप में ईख तथा नए धान को भगवान को अर्पित किया करते थे। इस परम्परा ने आज एक विशाल मेले का रूप ले लिया है और आरंभिक छोटा सा मन्दिर परिसर आज एक भव्य तीर्थ स्थल के रूप में स्थापित हो चुका है। यहाँ दशावतार मन्दिर, सूर्य मन्दिर और माँ सिद्धिदात्री देवी के मन्दिर सहित कई अन्य प्रमुख मन्दिर भी हैं जिन पर भक्तों की श्रद्धा कायम है.
तो आइये इस बार आप भी कार्तिक पूर्णिमा (१३ नवम्बर) को हजारीबाग, शामिल होने इस प्राचीन और पारंपरिक मेले में।

11 comments:

seema gupta said...

" pehle baar dekha accha lga, thanks for sharing"

Regards

संगीता पुरी said...

बहुत अच्‍छी तस्‍वीर है।

संगीता-जीवन सफ़र said...

झारखण्ड के हजारीबाग जिले में स्थित नरसिंह स्थान मन्दिर के बारे में आपने अच्छी जानकारी दी है/झारखण्ड कभी जाना नही हुआ,शायद मंदिर भविष्य मे वहां जाने का एक अच्छा कारण बन जाये/

प्रदीप मानोरिया said...

बढिया अद्भुत वर्णन

बहुत लंबे अरसे तक ब्लॉग जगत से गायब रहने के लिए क्षमा प्रार्थी हूँ अब पुन: अपनी कलम के साथ हाज़िर हूँ |

jamos jhalla said...

Aapne hazari baag ke Narsingh sthaan ke darshan karaai.saadhuvaad.jhallevichaaraanusaar dharam se connected dharoharon ko dekhne ke liye adhik dharohar premi jaate hain .inkee health aur doosri aavashyak jaroorton,ke pukhtaa intezaamo ki aur bhi nazar doraayiye .isse logon ko faayedaa hi hogaa aur aapko santosh .

L.Goswami said...

काफी जानकारी मिलती है आपके लेखों से झारखण्ड के बारे में झरिया के बारे में भी लिखिए.

BrijmohanShrivastava said...

कई बातें ऐसी होती हैं जो किताबों में नहीं मिलती मगर होती है =कुछ ऐसे स्थल होते है जो आध्यात्मिक ,धार्मिक और सामाजिक द्रष्टि से महत्वपूर्ण होते है किंतु उनका पता नहीं होता है पर्यटन विशेषांकों में उनका ज़िक्र नहीं होता =आपने बहुत अच्छी जानकारी दी है इसके पूर्व आपने दीपावली पार भी लिखा था =हरकोई इतनी दूर आ भी नहीं सकता मगर आपके मध्यम से उक्त स्थान का विवरण और दर्शन का लाभ तो प्राप्त कर ही लेता है =अपने पाठकों को ऐसी जानकारी देना यदि धार्मिक द्रष्टि से कहें तो पुण्य का कार्य है और सामाजिक द्रष्टि से कहें तो देश में स्थित एतिहासिकता की जानकारी उपलब्ध करना है -आपको बहुत बहुत बधाई यदि आज आपका ब्लॉग न खोलते तो पता ही न चलता की झारखण्ड में चार सौ वर्ष पुरानी नरसिंह भगवान् केरे प्रतिमा भी स्थापित है

mehek said...

bahut achhi tasveer hai ar sundar varnan

Aruna Kapoor said...

Narsinha sthaan ke baare mein suna tha; chitrankan bahut badhhiya hai!....jaankaari ke liye aur mere blog par upasthiti ke liye dhanyawad!

Smart Indian said...

जानकारी अच्छी है, लिखते रहिये. धन्यवाद!

admin said...

आपकी पोस्ट के बहाने कार्तिक पूर्णिमा की याद आ गयी, जब मैं वाराणसी में देव दीपावली के दर्शन कर रहा था।
जानकारी के लिए शुक्रिया।

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