पूर्ण सूर्यग्रहण की यादों को शब्दों में समेटना दुःसाध्य ही है, इसीलिए एक प्रयास इसे तस्वीरों में अभिव्यक्त करने का जो मेरे और अरविन्द मिश्र जी के संयुक्त प्रयास का परिणाम हैं:
सूर्यग्रहण देखने की पृष्ठभूमि तैयार करते प्रियेषा और कौस्तुभ
लो शुरू हो गया ग्रहण, और इसे निहारते अरविन्द मिश्र
सभी ने संभाल ली है अपनी-अपनी कमान: कहीं छुट न जाये एक भी क्षण
और ये लग गया पूर्ण सूर्यग्रहण !
वाराणसी के घाटों पर उतर आया अन्धकार
छुपी नहीं ग्रहण के उतरने की ख़ुशी : Smiling Suryaजिसमें शामिल हैं प्रियेषा, श्रीमति संध्या मिश्रा, श्री अरविन्द मिश्र, मैं, प्रो. मधु प्रसाद (ज़ाकिर हुसेन कालेज; डी यू ), नीचे इजराईल की नोआ और श्री कनिष्क प्रसाद










8 comments:
badhiya foto .
निरन्तर: जोग - जरा मुस्कुरा दें
वाह..वाह...
बहुत सुन्दर छायांकन।
अभिषेक मिश्र जी!
आपको बहुत बधाई!
बहुत सुन्दर .
surya grahan ka nazara dekh ki to bas maza aa gaya...
unforgetable !
bahut badhia
बहुत सुन्दर! आप पिकसा स्लाइड शो में जमा लें चित्र कैप्शन के साथ तो बड़ा आकर्षक लगेगा!
Bahut hi shaandaar.
-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }
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