Saturday, April 10, 2010

मुंबई प्रवास और 'विविध भारती'

मुंबई प्रवास और 'विविध भारती'
अरुणाचल में 'विविध भारती' से बनी दूरी से उपजी असहनीय पीड़ा का उपचार अधूरा ही रह जाता यदि अपने मुंबई प्रवास के दौरान इसके केंद्र का भ्रमण न कर लेता. इसी  क्रम में मैं बोरीवली स्थित इसके कार्यालय पहुँच ही गया, जहाँ न सिर्फ विविध भारती के युवा चेहरे और ज्ञान - विज्ञान पर आधारित कायक्रमों की कमान संभालने वाले युनुस खान साहब से, बल्कि अपनी हृदयस्पर्शी आवाज से श्रोताओं के दिलों में उतर जाने वाले कमल शर्मा जी से भी मुलाकात हुई.
शब्दों के साथ खेलने वालों से तो कई बार मुलाकात हुई है, मगर यहाँ पहली बार साक्षी बना आवाज के साथ चल रहे खेल का. अवसर मिला ज्ञान-विज्ञान पर आधारित, नए कलेवर में पुनः प्रारंभ हो रहे कार्यक्रम 'जिज्ञासा' की प्रसारण पूर्व तैयारी के अवलोकन का. 
विविध भारती को सुतने हुए इससे जुड़े व्यक्तियों की जो छवि मानस पर बचपन से ही अंकित हो गई थी, उसपर खरी ही उतरी यह मुलाकात. और धन्यवाद अपने ब्लॉग मित्र और विविध भारती के प्रमुख सदस्य युनुस खान  जी का भी जो माध्यम बने एक आम श्रोता  और मनोरंजन के इस प्रमुख स्रोत को और भी करीब लाने का.
 
अंत में एक विशेष आग्रह भी कि - 'सुनना ना भूलें हर शनिवार रात 7 :45 PM पर, ज्ञान - विज्ञान की रेडियो - एक्टिव तरंग- "जिज्ञासा" युनुस खान के साथ.

8 comments:

Anonymous said...

बरसों ,बोरिवली ही जाना होता था तब युनुस भाई से परिचय नहीं हुआ था। पोस्ट पढ़कर ललच गया। हांलाकि हाले ही में युनुस के मीना कुमारी पर कर्यक्रम,ममता के विनोद खन्ना पर कार्यक्रम और ’उजाले उनकी यादों के ’ में सलीम से बात-चीत का रस काशी में बैठे बैठे पाया।

Arvind Mishra said...

मुबई प्रवास सुखद हो -जिज्ञासा की अच्छी याद दिलाई आपने !

Vineeta Yashsavi said...

Aapne yaad dila di hai to ab jarur sunege...

Udan Tashtari said...

युनूस भाई से मिलना अच्छा रहा होगा. जिज्ञासा ऑनलाईन सुना जा सकता है क्या?

Gyan Dutt Pandey said...

शनिवार रात 7 :45 PM पर, ज्ञान - विज्ञान की रेडियो - एक्टिव तरंग- "जिज्ञासा" युनुस खान के साथ.
धन्यवाद, बताने के लिये। याद रखेंगे।

Himanshu Pandey said...

बेहतरीन रही होगी मुलाकात युनूस जी से !
जिज्ञासा सुनेंगे अब !

रचना दीक्षित said...

अच्छी लगी ये पोस्ट और नए लोगों से मुलाकात का ये सिलसिला यूँ ही चलाते रहें और हमें भी मिलवातें रहें आभार

Unknown said...

Yunisji ka saath vividhbharti ki rail me bhaut accha lagta hai. ujale unki yado ke me hum unke sath ho gaye.salim sahab ke baate safgoai pasand aai. javedji ke sath safer bhi suhana raha.yunusji v vividh bharti dhnywad !!! madangopal pandia,chandrapur m.s.

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...