कला अभिव्यक्ति का एक महत्वपूर्ण माध्यम है, जो शब्दों की मोहताज हुए बिना मात्र सृजनात्मकता के द्वारा ही परस्पर संवाद कायम कर लेती है. कला के क्षेत्र में भारत का गौरवशाली इतिहास रहा है और वर्तमान पीढ़ी भी इस परंपरा को आगे बढ़ाने में अपनी अहम भूमिका निभा रही है. स्वाति गुप्ता भारतीय कला में उभरता ऐसा ही एक सशक्त हस्ताक्षर हैं.
यूँ तो स्वाति कला की विभिन्न विधाओं यथा पेंटिंग, वीडियो, फोटोग्राफी आदि के द्वारा अभिव्यक्ति की समान रूप से दक्षता रखती हैं, मगर उनकी प्रस्तुतियों में मुख्यतः परंपरागत और समकालीन कला के फ्यूजन की खूबसूरत झलक मिलती है.
दिल्ली कॉलेज ऑफ आर्ट से BFA करने के बाद इन्होने विजुअल आर्ट्स में डिप्लोमा फ़्रांस के Ecole d'arts de Paris - Cergy से प्राप्त किया. दिल्ली में रहते हुए जहाँ उन्हें श्रीमती अंजलि इला मेनन जैसी हस्ती से कला की बारीकियां जानने का अवसर मिला वही फ़्रांस में रहते हुए उन्हें अपनी मूल प्रेरणा स्व. एम्. एफ. हुसैन साहब से मिलने का भी अविस्मरणीय और अमूल्य अवसर प्राप्त हुआ. कला के क्षेत्र में अपनी विरासत संभालने को उत्सुक युवा पीढ़ी के इस प्रतिनिधि को देख हुसैन साहब के मनोभावों की सहज कल्पना की जा सकती है. कला के प्रति अतिशय जुनूनी इन दोनों शख्शियतों के बीच परस्पर संवाद और हुसैन साहब के अनुभवों ने इन्हें कला के प्रति और भी समर्पण के लिए प्रेरित किया.
फ़्रांस में लगभग 6 वर्षों के प्रवास के दौरान इन्हें भारत-फ़्रांस के मध्य राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक साझेदारी को करीब से महसूस करने का अवसर मिला. भूमंडलीकरण और आधुनिकता ने विभिन्न समाजों और संस्कृतियों को एक-दूसरे से जोड़ा है उसने कला जगत को भी प्रभावित किया है. स्वाति की कृतियों में इन बदलते पहलुओं की भी झलक मिलती है.
पिछले दिनों दिल्ली के त्रिवेणी आर्ट गैलरी में इनकी कलाकृतियों की प्रथम एकल प्रदर्शनी आयोजित की गई. इसमें इनकी हालिया पेंटिंग्स और इंस्टालेशंस शामिल किये गए थे. प्रदर्शनी में शामिल कृतियाँ उनके रोजमर्रा की साधारण सी चीजों को असाधारण स्वरुप में देखने और अभिव्यक्त करने की क्षमता को दर्शाती है. भारत से जड़ों के जुड़े होने के कारण रंगों के प्रति स्वाभाविक लगाव उनकी कलाकृतियों में भी दिखता है, जहाँ वे चमकीले रंगों के साथ कंट्रास्ट का भी सुन्दर संयोजन स्थापित करती हैं.
कला के क्षेत्र में उनके विभिन्न अनुभवों, संवादों, प्रवास और यात्राओं ने उनके आर्ट में वैश्विक घटकों का सम्मिश्रण भी सुनिश्चित किया है, जो उनकी कला को एक विशिष्टता देता है. वो स्वयं भी अपनी कला को American abstract and minimal art, BPMT (French artist Group), Colour Field Artist और Pop - Art की ओर झुकाव लिए हुए भी मानती हैं.
अब जब स्वाति जी अपनी कला के साथ भारत लौट आई हैं तो आशा है कि यहाँ भी उनकी अभिव्यक्ति को और भी नए आयाम मिलें. अपनी विशिष्ट कला शैली के साथ वो अपना एक अहम मुकाम बनाने में सफल हों - हार्दिक शुभकामनाएं.
17 comments:
बहुत सुन्दर प्रस्तुति ||
बधाई ||
स्वाति जी को बधाईयाँ और शुभकामनाएं.
Hum ummeed karte hain ki swati ji apne kala gyan se ,bhartiya kalaa ko kuch naye ayaam dengi
बहुत सुन्दर पोस्ट ... स्वाति जी के बारे में जानकर अच्छा लगा ... शुभकामनायें !
बहुत सुन्दर प्रस्तुति.स्वाति जी को बहुत बहुत बधाई.
स्वातिजी को बहुत -बहुत बधाई ....
बहुत बढ़िया -स्वाति से परिचय कराने के लिए -एक युवा और उदीयमान आर्टिस्ट!
मगर पोस्ट शीर्षक संकेत कर रही है कि कला उम्र सापेक्ष होती है -ऐसा है क्या ?
@ अरविन्द जी,
कला उम्र सापेक्ष तो नहीं होती किन्तु जब हम देश के युवा चेहरे की बात करते हैं, राजनीति के युवा चेहरे की बात करते हैं, तो कला की भी उस युवा अभिव्यक्ति की चर्चा तो कर ही सकते हैं जिसके हाथों में इसका भविष्य है.
अभिषक जी!
एक बहुत ही सधी हुई कलाकार से परिचय कराने का धन्यवाद!!
स्वाति जी की प्रतिभा से परिचित कराने के लिए आभार...बहुत सुन्दर प्रस्तुति ....
बहुत उच्च कोटि की प्रतिभा से आपने परिचय कराया।
अाप सबका बहोत षुकरीया > shukriya, मेरा utsaah badhane के िलये । अोर specially Abhishek ji का... मेरी कला लोगो तक पहुचाने के िलये ।
अाप सबको मेरा नमसते ।।
स्वाति जी के बारे में जान कर अच्छा लगा ... कला की साधक को बहुत बहुत शुभकामनाएं ...
बहुत बढिया जानकारी।
स्वाती जी की एक तश्वीर नहीं लगाई आपने..!
एक बेहतरीन शख्शियत से भेंट और कसावदार मंजी हुई प्रस्तुति के लिए आपका आभार .
Thankyou everyone. I'm Swati and I enjoy reading your comments.
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