हम उन दोस्तों में नहीं जो बौर्डर पर दोस्तों को छोड़ दूर से लुत्फ़ उठाते रहें. ऐसे में जिन दोस्तों ( eg. आशीष, शिवरंजन भारती ) को पिछले दिनों विवाह मंडप तक पहुंचा कर आया था, जीवन संग्राम में उनके अनुभवों को बांटने या पाने का भी अवसर तो प्राप्त करना ही था. इस क्रम में पहला साक्षात्कार लिया गया मि. & मिसेज सिंह यानि आशीष और उनकी पत्नी श्रीमती कविता सिंह का.
आशीष और कविता
जैसा कि मैंने अपनी एक पोस्ट में बताया था कि आशीष मेरे बी. एच. यू. के मित्रों में रहे हैं और उनका कविता जी से प्रेम विवाह हुआ है. किसी शादीशुदा मित्र दंपत्ति के प्रत्यक्ष साक्षात्कार और मेहमाननवाजी को पाने का यह मेरा प्रथम अनुभव था. काफी रोचक रहा यह अनुभव मेरे लिए. दो पंक्षियों को अपना घोंसला धीरे-धीरे सजाते हुए देखकर काफी अच्छा लगा. अबतक अकेले अपने हिसाब से जिंदगी को अपनी तरह जीते रहे दो व्यक्तित्व अब एक-दुसरे के हिसाब से खुद को समायोजित करने का प्रयास करते भी दिख रहे हैं. निश्चित रूप से इस इवौल्युशन में पुरुष की गति थोड़ी धीमी है, मगर शायद यह मानव सभ्यता की जेनेटिक समस्या भी हो ! मगर कितनी भी पुरुषीय संरचना हो घर और घर के कायदे-कानून पर नयी गृह मंत्री की छाप तो दिख ही जाती है.
भाभी जी जो कि ओ. एन. जी. सी. में जियोफिजिसिस्ट भी हैं, अपनी दोहरी जिम्मेवारी को बखूबी निभा रही हैं और इसका सकारात्मक असर मित्र की सेहत और मनोमस्तिष्क पर भी पड़ता दिख रहा है.
विवाह के दौरान ताम-झाम में किसी को अच्छी तरह से जानने का अवसर नहीं मिल पाता. अब फुर्सत से बैठने पर पता चला कि भाभी जी गृहसज्जा के साथ-साथ पाक कला में भी अतिशय निपुण हैं. द. भारतीय होते हुए भी उत्तरभारतीय व्यंजनों पर भी उन्हें पूर्ण अधिकार प्राप्त है.
भोजन के लिए सहज आमंत्रण
भाभी जी के कर कमलों से से भोजन का अनिवर्चनीय सुख
यह उनके बनाये विशेष 'गोभी मुसल्लम' से ही परिलक्षित हो गया. उनके कुछ और विशिष्टताप्राप्त व्यंजन भी ज्ञात हुए हैं, जिनके अगले किसी अवसर पर प्रकटीकरण की संभावना शेष है.
लज़ीज़ ' गोभी मुसल्लम '
संजोग से वहीँ बी. एच. यू. के ही एक अन्य मित्र दीपक के भी आ जाने से वहां एक और महफ़िल जम गई.
अपने इस प्रथम अनुभव के स्मृति चिह्न केरूप में सिंह दंपत्ति को एक हस्तशिल्प का सुन्दर नमूना 'स्वास्तिक' के रूप में देकर, और कुछ संतुष्टि भरी सुखद यादें लेकर मैं उनके आशियाने से निकल आया; इस कामना के साथ कि इनका आशियाना यूँ ही खुशियों आपसी समझ, सामंजन और विश्वास से भरा-पूरा रहे.
खुश रहे तूँ सदा ये दुआ है मेरी...
अब अगर अंत में भाभीजी की शान में यह गीत न समर्पित करूँ तो भावभिव्यक्ति थोड़ी अधूरी है रह जायेगी -
kya baat hai muh me pani aa gaya............ waiting for trip to delhi........:) likhna koi apse sikhe jaan dal dete hai....... inki jodi hamesha khush rahe yahi...... best wishes for them aur apki jodi bhi jaldi bane........:)
beautiful and cheerful couple..May God bless them....Table decor is awesome,mouth watering dishes....And very beautiful Swastik gifted by You... everything is mindblowing
yeh kisi ne thik hi kahan hai sundarta dekhne walein ki aankhon main hoti hain.....is rochak lekh ke liye Mishra ji prashansha ke patra hai..............Asheesh se mai bhali bhati parichit hoon, uske swabhav, hav-bhav.....etyaadi ab koi nai dastaan nahi bayaan karte......lekin jab kao sakhsh 1 se 2 ho jate hain tab uske adhurepan ka raaz khulta hai....is raaz ko hum tak pohuchane ke liye mishra ji ka ek bar fir tahe dil se dhanyawaad.......awem aabhaar....prabhu is jode par apni kripadrishti sadaev banaye .....rakhe.......
बहुत बढ़िया लगा! बेहतरीन प्रस्तुती! मेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है- http://seawave-babli.blogspot.com/ http://ek-jhalak-urmi-ki-kavitayen.blogspot.com/
Sadar dhanyawaad Mishraji aapka ki aap humare gareeb-khane main padhare and itna achcha lekh likhkar apni bhabhi ko jarur jhaad par chadha diya.. main to khair vigat kai varshon se aapke kai talents se parichit hu jinme se lekhan bhi ek hain......
aasha karte hai ki aapki next visit jald hi hogi.........
@ nitin: bhai tum hi delhi nahi aa rahe ho, main to kab se talwaar lekar baitha hu....
@yogesh: aap to delhi khali spain and US jaane ke liye aate ho & aivam shaadi and reception main aakar itna abhibhut kar diya tha ki lagta hai aap hi mitrata ki parakashta par nibhate ja rahe hai...
baaki sab bhai bandhuon ko meri tarf se hardik abhinandan and aabhar unke wishes ke liye....
मिश्रा जी आज इस संस्मरण को पदने के बाद अनायास हि चेतन भगत कृत २ states का ध्यान आ रहा है.......मेरी मानिए तो अब आप एक उपन्यास लिखना आरम्भ कर दे ....प्रभु कि कृपा से आप कविल हैन हि , अब एस काब्लियात को दुनिया से दूर न रखें
मैने जैसे पहले लिखा था ....आशीष के हाव भाव अब कोइ कोतुहाल नही जगाते वरण एक नादन बच्चे के कल्पना से लगते है.... लेकिन उसका आरोप भी ठिक हैं.... शादी में न आने कि गलती मैं मनता हूँ और शायद आशीष...... कोइ प्रायेस्चित हो तो बतावे......
Yogesh: mujhe samajh main nahi aa raha ki tum mujhse khafa kyon chal rahe ho? ab agar kisi vyakti ki koi identity hain to use change to nahi kiya jaa sakta naa.. shaayd yahi dekhkar humari dosti aarmabh hui hogi. to aajkal meri har baat buri kyon lag rahi hai..... rahi baat prayaschit ki to uski koi jarurat nahi hai.. agar samay mile to delhi aakar kuch pal saath main vyateet karoge to achcha lagega..... Kai purani yaadein taaja ho jayegi.....apna khyal rakho mitra and keep smiling....
@ आशीष और योगेश भैया आप दोनों ही पुराने दोस्त हैं और एक - दूसरे को सबसे अच्छी तरह जानते हैं. मुझे ऐसा लग रहा है की काफी दिनों से मिल न पाने के कारण थोडा कम्युनिकेशन गैप हो गया है. सो जल्द - से- जल्द आप लोग मिलें और मुझे भी इसकी कवरेज का मौका दें. :-)
मधुर भावनाओं की सुमधुर, नित्य बनाता हूँ हाला;
भरता हूँ उस मधु से अपने, ह्रदय का प्यासा प्याला.
उठा कल्पना के हाथों से, स्वयं उसे पी जाता हूँ;
अपने ही मैं हूँ साकी, पीने वाला मधुशाला.
21 comments:
kya baat hai muh me pani aa gaya............ waiting for trip to delhi........:) likhna koi apse sikhe jaan dal dete hai....... inki jodi hamesha khush rahe yahi...... best wishes for them aur apki jodi bhi jaldi bane........:)
अच्छा लगा. लगता है निभा ले जायेंगे. मेरी दुआएं. इस वाक्य की पोस्ट में पुनरावृत्ति हुई है. जांच लें. "उनके कुछ विशिष्टता प्राप्त व्यंजन भी ज्ञात हुए"
सुन्दर प्रस्तुति पर
बहुत बहुत बधाई ||
Thanks Nitin,
@ सुब्रमन्यन जी,
त्रुटी की ओर ध्यानाकर्षण का धन्यवाद. शुभकामनाओं के लिए आभार.
अच्छा लगा आपके द्वारा इस दम्पति से मिलना।
शुभकामनाएं।
beautiful and cheerful couple..May God bless them....Table decor is awesome,mouth watering dishes....And very beautiful Swastik gifted by You... everything is mindblowing
yeh kisi ne thik hi kahan hai sundarta dekhne walein ki aankhon main hoti hain.....is rochak lekh ke liye Mishra ji prashansha ke patra hai..............Asheesh se mai bhali bhati parichit hoon, uske swabhav, hav-bhav.....etyaadi ab koi nai dastaan nahi bayaan karte......lekin jab kao sakhsh 1 se 2 ho jate hain tab uske adhurepan ka raaz khulta hai....is raaz ko hum tak pohuchane ke liye mishra ji ka ek bar fir tahe dil se dhanyawaad.......awem aabhaar....prabhu is jode par apni kripadrishti sadaev banaye .....rakhe.......
बहुत बढ़िया लगा! बेहतरीन प्रस्तुती!
मेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है-
http://seawave-babli.blogspot.com/
http://ek-jhalak-urmi-ki-kavitayen.blogspot.com/
बहुत अच्छा लगा पढ़कर ..
Sadar dhanyawaad Mishraji aapka ki aap humare gareeb-khane main padhare and itna achcha lekh likhkar apni bhabhi ko jarur jhaad par chadha diya.. main to khair vigat kai varshon se aapke kai talents se parichit hu jinme se lekhan bhi ek hain......
aasha karte hai ki aapki next visit jald hi hogi.........
@ nitin: bhai tum hi delhi nahi aa rahe ho, main to kab se talwaar lekar baitha hu....
@yogesh: aap to delhi khali spain and US jaane ke liye aate ho & aivam shaadi and reception main aakar itna abhibhut kar diya tha ki lagta hai aap hi mitrata ki parakashta par nibhate ja rahe hai...
baaki sab bhai bandhuon ko meri tarf se hardik abhinandan and aabhar unke wishes ke liye....
मिश्रा जी
आज इस संस्मरण को पदने के बाद अनायास हि चेतन भगत कृत २ states का ध्यान आ रहा है.......मेरी मानिए तो अब आप एक उपन्यास लिखना आरम्भ कर दे ....प्रभु कि कृपा से आप कविल हैन हि , अब एस काब्लियात को दुनिया से दूर न रखें
मैने जैसे पहले लिखा था ....आशीष के हाव भाव अब कोइ कोतुहाल नही जगाते वरण एक नादन बच्चे के कल्पना से लगते है.... लेकिन उसका आरोप भी ठिक हैं.... शादी में न आने कि गलती मैं मनता हूँ और शायद आशीष...... कोइ प्रायेस्चित हो तो बतावे......
Yogesh: mujhe samajh main nahi aa raha ki tum mujhse khafa kyon chal rahe ho? ab agar kisi vyakti ki koi identity hain to use change to nahi kiya jaa sakta naa.. shaayd yahi dekhkar humari dosti aarmabh hui hogi. to aajkal meri har baat buri kyon lag rahi hai..... rahi baat prayaschit ki to uski koi jarurat nahi hai.. agar samay mile to delhi aakar kuch pal saath main vyateet karoge to achcha lagega..... Kai purani yaadein taaja ho jayegi.....apna khyal rakho mitra and keep smiling....
@ आशीष और योगेश भैया
आप दोनों ही पुराने दोस्त हैं और एक - दूसरे को सबसे अच्छी तरह जानते हैं. मुझे ऐसा लग रहा है की काफी दिनों से मिल न पाने के कारण थोडा कम्युनिकेशन गैप हो गया है. सो जल्द - से- जल्द आप लोग मिलें और मुझे भी इसकी कवरेज का मौका दें. :-)
bahut pyar bhara.......
:))
नये जोड़े को हमारा भी आशीष
hearty congratulations to newly married couple !!
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