एक और साल जाने को है, और आने को है एक नया साल। आज गुजरे वर्ष को एक बार जब पलट कर देखता हूँ तो ऐसा लगता है यह वर्ष शायद अब तक के जीवन का सबसे व्यर्थ वर्ष रहा होता। हाँ यह वर्ष भुला ही दिए जाने लायक रहता यदि इस वर्ष मैं ब्लौगिंग में न आया होता। क्योंकि उपलब्धि के नाम पर इस साल मेरे लिए मात्र ब्लौगिंग ही है।
2007 के अंत से ही ब्लौगिंग शुरू करने का प्रयास शुरू कर दिया था जो इस वर्ष स्वरुप ले सका। अपने युवा समूह 'धरोहर' (An Amateur's Club) को ब्लॉग के रूप में लाना इसे एक नया उत्साह देने के समान था।
विज्ञानं कार्यशाला के माध्यम से अरविन्द मिश्र, जाकिर अली 'रजनीश', जीशान जैदी, मनीष गोरे आदि जैसी हस्तियों से परिचय, राही मासूम रजा पर आधारित ब्लॉग और 'वांग्मय' के फिरोज़ अहमद साहब से संपर्क, धरोहर को सहेजने के मेरे प्रयास में 7 नए सहयात्रियों- केशव दयाल जी, परिमल जी, नीरज जी, विनीता यशश्वि जी, मेरी माला मेरे मोती ब्लॉग, मंसूर अली जी और अशोक कुमार पांडे जी का जुड़ना ब्लौगिंग के माध्यम से ही सम्भव हुआ। सचिन मल्होत्रा, रौशन जैसे मित्र और आशीष खंडेलवाल जैसे मार्गदर्शक भी ब्लौगिंग के माध्यम से मिले।
'भड़ास' और 'मेरे अंचल की कहावतें' ब्लॉग पर भी मुझे अभिव्यक्ति का अवसर मिला।
ब्लौगिंग में उत्साह बढ़ने वाले टिप्पणीकारों के प्रति भी मैं आभार प्रकट करता हूँ।
हाँ, नन्दलाल जी के 'जल संरक्षण अभियान' से जुड़ने और मेधा पाटेकर व संदीप पांडे से मुलाकात के लिए भी यादगार रहेगा यह वर्ष।
अब जैसी की परम्परा है आने वाले वर्ष पर ख़ुद से नए वादे करने की तो अपने कुछ शुभचिंतकों के आग्रह को स्वीकार करते हुए आप सभी ब्लौगर्स से भी वादा करता हूँ एक नया ब्लॉग 'गांधीजी' पर शुरू करने का। आशा है नव वर्ष में भी सभी ब्लौगर्स का सहयोग व प्रोत्साहन मिलता रहेगा।
सभी ब्लौगर्स को नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं।